टैली में लेजर क्या होते हैं और कैसे बनाये जाते हैं? WHAT IS LEDGER AND HOW TO CREATE LEDGER IN TALLY?
लेजर (Ledger) क्या होता है?
जर्नल एंट्रीज़ करने से पहले हमे लेजर बनाने होते हैं। लेजर एक तरह के अकाउंट होते हैं, जिनकी सहायता से हम वाउचर एंट्रीज करते हैं।
उदाहरण के लिए Laxmi Traders a/c, Bank A/c आदि।
टैली में दो प्रकार के लेजर पहले से ही बने होते है Cash और Profit & Loss A/c. इसके अलावा यूजर्स अपने हिसाब से नए लेजर Create कर सकता है।
टैली में लेजर बनाना (Create a Ledger in Tally)
टैली में लेजर बनाने के लिए हमें निम्न स्टेप को follow करना है :-
Step-1:- सबसे पहले Gateway of Tally में Masters में से Accounts Info में जायेंगे।
Step-2:- फिर Ledgers के option पर Click करेंगे।
Step-3:- उसके बाद आप Create के ऑप्शन पर Click करेंगे। यहाँ आपको Single Ledger में (Create, Display, Alter ) और Multi Ledger में भी (Create, Display, Alter ) का Option दिखाई देगा।
Create: Create के Option पर जाकर हम किसी भी Ledger को बना सकते हैं।
Display: Display के Option पर जाकर हम उस बनाये हुए Ledger को देख सकते हैं।
Alter: Alter के Option से Ledger को Edit कर सकते हैं और Delete भी कर सकते हैं।
Step-4:- अब नीचे दी हुई Ledger Creation Window खुलेगी
इस Window में निम्न जानकारियां भरी जाएँगी:-
Name : इस फिल्ड में जिस नाम से आप लेजर बनाना चाहते हो वो नाम लिखा जायेगा।
Alias : यदि आवश्यक हो तो आप इसमें लेजर का उपनाम भी लिख सकते हैं।
Under : यह ऑप्शन सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें आपको उस ग्रुप को सेलेक्ट करना होगा, जिसके अंतर्गत वह लेजर आती है।
जैसे Capital को Capital Group के Under डालेंगे।
किसी लेनदार पार्टी के नाम को Creditors Group में डालेंगे। इसी प्रकार हमें Group का ध्यान रखना होगा कि कौनसा Ledger किस Group में आयेगा।
Opening Balance : यदि किसी पार्टी का कोई Opening Balance है तो वह इस Option में लिखना होगा।
Cr / Dr : ओपनिंग बैलेंस यदि शून्य नहीं है तो यह ध्यान रखना होगा कि धनराशि डेबिट होगी या क्रेडिट।
Mailing Detail : इस ऑप्शन में यदि हम किसी लेनदार या देनदार के नाम से लेजर बनाते हैं तो उसका Address डालना होगा।
Single और Multi Ledgers क्या है?
Single Ledger Option की सहायता से हम एक बार में केवल एक ही Ledger बना सकते हैं।
Multi Ledgers की सहायता से हम एक साथ कई सारे Ledgers को एक ही समय में बना सकते हैं। जिससे हमारा समय बचता है और Ledgers भी कई सारे बन जाते हैं।
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